Wednesday, October 14, 2020

नन्ही सी परी ने

 


नन्ही सी परी ने

आज पहली बार

आँखे खोली...

कितनी रंगीन और

प्यारी है यह दुनिया..

अपने पिता ही बाहों में

खिलखिलाते हुए सोच रही थी वो..

दिन बीते कुछ महीने बीते

और आज पूरे 3 महीने हो गए

वो गहरी, मीठी नींद में सोई है

सोते हुए उसका चेहरा इतना

प्यारा लगता है..मानो पूर्णिमा का चाँद

नभ किसी उज्ज्वलता से प्रकाशित करता हो..

तभी किसी शब्द के अन्दर आने की आहट..

नन्ही परी की किलकारियां शुरू

(शिकायती लहज़े में)

गुडिया रोई क्या,

कि वह शख्स घबराकर चूर हो गया

और अगले ही पल आनन-फानन में

बच्चे के मुहं को दबाने की कोशिश की

और नृशसंता से, हैवानियत की गई

इस ज़ोर ज़बरदस्ती के बीच

पूर्णिमा का वह चाँद,

अमावस की काली रात में तब्दील हो गया,

रह रहकर सिर्फ एक ही प्रश्न

बच्ची की निर्मल मन में कौंध रहा था,

मेरे साथ ही बलात्कार क्यों हुआ?

मेरी क्या गलती थी?

मेरी आबरू के रक्षक ने ही क्यों किया?

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Happy Republic Day